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Ayurvedic

ख़राब लीबर

ख़राब लीवर, जिसे लीवर डिसफंक्शन भी कहा जाता है, एक स्थिति है जिसमें लीवर अपने सामान्य कार्य को ठीक से नहीं कर पाता। लीवर शरीर में कई महत्वपूर्ण कार्य करता है, जैसे कि विषाक्त पदार्थों को हटाना, पाचन के लिए आवश्यक एंजाइम्स का निर्माण, और पोषक तत्वों का संग्रहण।

कारण:

  1. हेपेटाइटिस: वायरल संक्रमण, जैसे हेपेटाइटिस B, C, या D।
  2. सिरोसिस: लंबे समय तक शराब का सेवन, हेपेटाइटिस, या वसा युक्त यकृत।
  3. फैटी लिवर डिजीज: गैर-एल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज (NAFLD) या शराब के कारण।
  4. लीवर कैंसर: प्रारंभिक चरण में कोई लक्षण नहीं हो सकते।
  5. औषधियों का दुष्प्रभाव: कुछ दवाएं लीवर को नुकसान पहुंचा सकती हैं।
  6. विरासत में मिली बीमारियाँ: जैसे कि विल्सन रोग (Wilson’s Disease) या हेमोक्रोमैटोसिस (Hemochromatosis)।
  7. स्व-प्रतिरक्षित बीमारियाँ: जैसे कि ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस।

लक्षण:

  • पीलिया: त्वचा और आंखों का पीला होना।
  • थकान: अत्यधिक थकावट और कमजोरी।
  • पेट में दर्द: खासकर दाईं ओर।
  • सूजन: पेट में सूजन और टेंशन।
  • भूख में कमी: असामान्य भूख कम होना।
  • उल्टी और मतली: पाचन संबंधी समस्याएँ।
  • पेशाब का रंग गहरा होना: गहरे रंग का पेशाब।
  • फूलना: हाथ और पैरों में सूजन।

उपचार:

  • आहार में बदलाव: वसा और शराब का सेवन कम करना।
  • दवाइयाँ: डॉक्टर की सलाह पर लीवर के उपचार के लिए दवाइयाँ।
  • रोग की विशिष्ट चिकित्सा: जैसे कि हेपेटाइटिस के लिए एंटीवायरल दवाएं।
  • अल्कोहल का परित्याग: यदि शराब की वजह से लीवर खराब हो रहा है।

निवारण:

  • स्वस्थ जीवनशैली: संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, और उचित नींद।
  • अल्कोहल सेवन पर नियंत्रण: शराब का सीमित या पूरी तरह से परित्याग।
  • टीकाकरण: हेपेटाइटिस A और B के खिलाफ टीकाकरण।
  • स्वच्छता: व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखें और दूषित खाद्य पदार्थ और पानी से बचें।

यदि आप लीवर की खराबी के लक्षण महसूस कर रहे हैं या लीवर के स्वास्थ्य के बारे में चिंता है, तो तुरंत चिकित्सा सलाह प्राप्त करना आवश्यक है। सही निदान और उपचार से लीवर की समस्याओं का प्रबंधन किया जा सकता है।